उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से करीब 30 किमी0 की दूरी पर मसूरी स्थित है। मसूरी को पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता है। मसूरी देहरादून से उचाई की पहाड़ियों पर बसा हुआ है। यहाँ आए दिन हजारों पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहाँ पर अधिकत्तर ब्रिटिश साम्राज्य के समय पुराने भवन, स्मारक, आकर्षक छोटे-बड़े विस्थापित स्थल भी हैं। ठंड में यहाँ बर्फ की सफ़ेद चादर से मसूरी का नजारा और भी लुभावना हो जाता है, उससे पहले ही यहाँ पर्यटक इस नजारे को देखने के लिए मसूरी आकार रुकते हैं।
पर्यटन स्थलों के तौर पर मसूरी का नाम अत्यधिक प्रसिद्ध है। ब्रिटिश राज के समय से यहाँ उनकी विरासत रही। पहाड़ों की प्रकृति सौन्दर्य से मंत्रमुग्ध होकर वेल्स की राजकुमारी ने इस नगर का नाम पहाड़ों की रानी रख दिया था। सन 1853 में ब्रिटिश शासकों ने मसूरी के कैसल हिल नाम से बगले में पंजाब के गौरव राणा रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी कुँवर दिलीप सिंह को नजरबंद करके कई वर्षों तक रखा गया था। यह कैसल हिल बार्लोगंज में बहुत समय तक एक खंडहर के रूप में रहा, लेकिन अब जेपी रेजीडेंसी मैनर के नाम से पाँच सितारा होटल में परिवर्तित हो गया है।
मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी जहां प्रशासकीय सेवाओं के लिए प्रशिक्षित करने हेतु देशभर से इस संस्थान में आते हैं। लाल बहादुर शास्त्री अकादमी पूर्व में चार्लविले होटल के रूप में स्थापित था। चार्लविले होटल ब्रिटिश व्यवसायी होसन के दो पुत्र चार्ली और विली के नाम पर खोला गया था। मसूरी में पर्यटकों की खूब भीड़ देखी जा सकती है।
यहाँ पर कैम्पटीफॉल, मसूरी झील, रोपवे, कंपनी गार्डन, लाल टिब्बा, गनहिल, धनोल्टी, झड़ीपानी, भट्टा फॉल्स, नागा टिब्बा (ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध) इत्यादि प्रसिद्ध स्थल हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान मसूरी रोड पर मैन हैंड पोलर रिक्शा चलते थे, जिसका स्वरूप आज एक चौपले के रूप में रह गया है।
कैंपटीफॉल: मसूरी से लगभग 15 किमी0 की दूरी पर स्थित है। 400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैम्पटीफॉल बेहद खूबसूरत जगह है। यहाँ पहाड़ी के नीचे बहते झरने का दृश्य बहुत ही रोचक है।
वन चेतना केंद्र: मसूरी (टिहरी पाईपास रोड़) से लगभग 3 किमी0 की दूरी पर स्थित यह स्थल पेड़-पौधों से घिरा हुआ है। यहाँ पर बेहद खूबसूरत पार्क है।
चिर्ल्स लॉज: लाल टिब्बा के पास यह मसूरी की सबसे ऊंची पहाड़ी है। यहाँ से चारों ओर प्रकृति का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है।
कैमल्स बैक रोड़: कुर्ली बाजार से शुरू होकर लाइब्रेरी बाजार तक का यह सफर महज 3 किमी0 दूरी का है। यहाँ घुड़सवारी करके आप खूबसूरती के नजारे को निहार सकते है।