सहस्त्रधारा

पहाड़ों के मध्य घने जंगलों के बीच सहस्त्रधारा देहरादून से करीब 15 किमी0 की दूरी पर स्थित है। देहरादून से सहस्त्रधारा के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है। गंधक का जल प्रवाह रोगों को दूर करता है। इस स्थान पर अनेक गुफाएँ, झरने मंदिर भी स्थित हैं। पहाड़ों पर यहाँ लगातार पानी टपकता रहता है।

प्राकृतिक रूप से यहाँ अनेक झरनों का निर्माण हुआ है। यहाँ मुख्य आकर्षण प्राकृतिक गुफा व गंधक के पानी का स्त्रोत है। गुफाओं के अंदर-बाहर पानी टपकता रहता है, इन धाराओं के समूहों के नाम से इस स्थान का नाम सहस्त्रधारा पड़ा। यहाँ गर्मियों के मौसम में भरी संख्या में पर्यटक दूर-दूर से पहुँचते है।

सहस्त्रधारा में बलदी नदी और गुफाओं के प्रकृतिक सौन्दर्य के लिए विख्यात है। अनेक छोटी-छोटी गुफाएँ है जो बाहर से खास नजर नहीं आती है। इस स्थान पर गंधक के पानी का जो प्राकृतिक स्त्रोत है वह चर्म जैसे रोग को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है। जिसका कारण यहाँ भरी संख्या में लोगों की ख़ासी भीड़ हर दिन देखी जा सकती है। इस स्थान पर लगभग तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर रोपवे का निर्माण भी किया गया है।

इस स्थान पर शिव मंदिर, गुफा मार्ग में पड़ने वाला कलिंग युद्ध स्मृति स्मारक है। ब्रिटिश लोगों ने अपने दुश्मन गोरखा लोगों के लिए इसका निर्माण करवाया था। अंग्रेजों ने गोरखा सैनिकों को सम्मान देने हेतु किया गया।